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नई दिल्ली10 मिनट पहले
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फोटो 28 फरवरी की है। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने G-23 ग्रुप की बैठक की थी। इसी पर विवाद शुरू हो गया है।
कांग्रेस का अंदरूनी कलह बढ़ता ही जा रहा है। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के विद्रोही खेमे के नेताओं का जी-23 इवेंट और पार्टी के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ से कांग्रेस में खलबली मच गई है। खासतौर पर पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई में दरारें पड़ने लगीं हैं।
G-23 सम्मेलन और आजाद के बयानों से नाराज जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर शिकायत करने दिल्ली पहुंच गए हैं। मीर ने यहां संगठन के प्रभारी केसी वेणुगोपाल, राज्य के प्रभारी रजनी पाटिल और पार्टी के टॉप लीडर्स से मुलाकात कर पार्टी के हालात के बारे में बताया। सूत्रों के मुताबिक, मीर ने कहा कि आजादी के बयान से जम्मू कश्मीर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है। बताया जाता है कि मीर यहां कुछ दिन रूककर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का इंतजार करेंगे।

दिल्ली पहुंचे जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने मीडिया से बातचीत की।
अब हरियाणा में G-23 नेताओं की बैठक
जम्मू कश्मीर के बाद अब हरियाणा में कांग्रेस के विद्रोही यानी G-23 नेताओं की बैठक हो सकती है। बताया जाता है कि इन नेताओं ने जम्मू कश्मीर में सफल आयोजन के बाद हरियाणा में भी इस इवेंट को प्लान करना शुरू कर दिया है। ये बैठक कुरुक्षेत्र में हो सकती है। इन सभी हालात पर कांग्रेस की टॉप लीडरशिप नजर बनाए हुए है। बताया जाता है कि सोनिया गांधी इन G-23 ग्रुप में शामिल नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती हैं। इसलिए हर कोई संभलकर इन मुद्दों का हल निकालने में लगा है।
बंगाल में ISF के साथ गठबंधन पर आनंद शर्मा फिर मुखर हुए
इस बीच, कांग्रेस के सीनियर लीडर आनंद शर्मा एक बार फिर से मुखर हो गए हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में इंडियन सेकुलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ऐसा करना कांग्रेस की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरू के सेकुलरिज्म के खिलाफ है। आनंद शर्मा की टिप्पणी पर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम एक राज्य के प्रभारी हैं। बिना किसी अनुमति के अपने दम पर कोई फैसला नहीं लेते। यह फैसला हाईकमान का है।
गठबंधन के नेताओं ने रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में बड़ी रैली की थी। इस रैली में कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए थे। शर्मा ने कहा कि रैली में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष की मौजूदगी शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पार्टी सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने में सिलेक्टिव नहीं हो सकती। धर्म और रंग की परवाह किए बिना इसे अपनी हर बात में शामिल करना चाहिए।
कांग्रेस का G-23 क्या है, यह क्या चाहता है?
कांग्रेस हाईकमान से नाराज इन सीनियर नेताओं को G-23 के नाम से जाना जाता है। इन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में पार्टी को चलाने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे। यही नेता शनिवार को जम्मू में इकट्ठे होकर अपनी ताकत दिखा रहे हैं। G-23 से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि नेताओं में हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आजाद के साथ हुए सलूक को लेकर भी नाराजगी है।