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- Buildings Shattered With Missiles, But The Punch Of Expectations From The Courage Of Courage
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अतारिबएक दिन पहले
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यह तस्वीर सीरिया के अतारिब की है। यहां बच्चे और युवा खंडहर में तब्दील इमारतों में उम्मीदों के पंच लगा रहे हैं ताकि अपने दिल-दिमाग से गृहयुद्ध की बुरी यादों को भुला सकें।
तस्वीर सीरिया के अतारिब की है। यहां बच्चे और युवा खंडहर में तब्दील इमारतों में उम्मीदों के पंच लगा रहे हैं ताकि अपने दिल-दिमाग से गृहयुद्ध की बुरी यादों को भुला सकें। दरअसल, अतारिब में रहने वाले 31 वर्षीय शिक्षक अहमद द्वार ने मिसाइलों के हमले में क्षतिग्रस्त हुई इमारतों को बॉक्सिंग रिंग बना दिया है। यहां दिन भर में 100 से ज्यादा बच्चे बॉक्सिंग सीखने पहुंच रहे हैं।

सीरिया के बिगड़ते हालात बच्चों के दिमाग पर हावी न हों, इसलिए उन्हें बॉक्सिंग सिखाना शुरू किया गया है।
अहमद बताते हैं- ‘सीरिया भी कभी गुलजार हुआ करता था। लेकिन गृहयुद्ध ने सब तबाह कर दिया। देश आर्थिक संकट से जूझने लगा। स्कूल-कॉलेज बंद हो गए। देश की आधी आबादी बेघर हो गई। सीरिया के बिगड़ते हालात बच्चों के दिमाग पर हावी न हों, इसलिए उन्हें बॉक्सिंग सिखाना शुरू किया है ताकि उनकी बुरी यादों को भुलाकर उन्हें आने वाले कल के लिए तैयार किया जा सके।’ डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, गृहयुद्ध के कारण सीरिया में पिछले 10 साल में 3.80 लाख से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। इनमें 22 हजार बच्चे और 13612 महिलाएं भी शामिल हैं।