डेवलपर्स की संस्था क्रेडाई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव दिया है कि आने वाले बजट में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जाए, ताकि घरों की डिमांड में बढ़ोतरी हो। इसके साथ ही 80C के तहत होम लोन चुकाने में प्रिसिंपल पर मिलने वाली टैक्स छूट को भी बढ़ाने का सुझाव दिया है। अभी 80C में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है, जिसमें होम लोन के प्रिंसिपल का भुगतान भी शामिल है। क्रेडाई का यह सुझाव भी है कि इस छूट को 80C से अलग दिए जाने पर विचार करना चाहिए।
अभी अफोर्डेबल हाउस के लिए 45 लाख रुपए कीमत की सीमा है
मेट्रोपोलिटन (महानगरीय) शहरों में 60 वर्ग मीटर और नॉन-मेट्रोपोलिटन क्षेत्रों में 90 वर्ग मीटर में किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउस) बनाने की लिमिट तय की गई है। इसकी कीमत 45 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस लिमिट को बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
अंडर-कंस्ट्रक्शन घरों पर GST कुछ महीनों के लिए हटाने की मांग
अंडर-कंस्ट्रक्शन घरों पर GST दरें भी घटने की उम्मीद है। इन पर अभी 5% GST लगता है। रियल इस्टेट इंडस्ट्री की मांग है कि इसे कुछ महीनों के लिए 0% कर देना चाहिए। अभी अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर 1% और नॉन अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर 5% टैक्स लगता है।
सेक्शन 80EEA के तहत मिलने वाल छूट बढ़ सकती है आगे
2019-20 के बजट में 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच लिए गए होम लोन के ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त टैक्स छूट का ऐलान किया गया था। सेक्शन 80EEA के तहत टैक्स छूट के लिए प्रॉपर्टी की वैल्यू 45 लाख रुपए तक होनी चाहिए। यह छूट केवल पहली बार घर खरीदने वाला व्यक्ति ही ले सकता है। रियल एस्टेट सेक्टर को यह समय सीमा 31 मार्च 2022 तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
सीएलएसएस सब्सिडी स्कीम को मार्च 2022 तक बढ़ाने की उम्मीद
अभी मीडियम इनकम ग्रुप (MIG) श्रेणी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) की समय सीमा मार्च 2021 है। इस सब्सिडी स्कीम को अगले साल मार्च 2022 तक बढ़ाया जा सकता है।
रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट में निवेश पर मिले ज्यादा छूट
क्रेडाई का सुझाव है कि रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) में निवेश पर सेक्शन 80C के तहत 50 हजार रुपए की छूट मिलनी चाहिए। REITs रियल एस्टेट सेक्टर में लिक्विडिटी की समस्या दूर करने का एक रास्ता है। फिलहाल REITs यूनिट्स को 36 महीने तक रखना पड़ता है ताकि लॉन्ग टर्म कैपिटल असेट के तौर पर कम टैक्स लगे। क्रेडाई का सुझाव है कि इस अवधि को घटाकर 12 महीने कर दिया जाए। इससे REITs के निवेश में तेजी आएगी।